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पहलगाम हमले का करारा जवाब: सेना ने तीनों संदिग्ध आतंकियों को किया ढेर

श्रीनगर
जम्मू कश्मीर के श्रीनगर के पास हरवन इलाके में ऑपरेशन महादेव के तहत आतंकियों और भारतीय सेना के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। सूत्रों के मुताबिक, इन तीन आंतकियों में पहलगाम हमले का मास्टरमाइंट मूसा भी शामिल हैं। यह मुठभेड़ जवरवन रिज और महादेव रिज के बीच के क्षेत्र में चल रही है। बताया जा रहा है कि सुबह करीब 11 बजे जब सेना की एरिया डोमिनेशन पार्टी नियमित गश्त पर थी, तभी उन्हें तीन संदिग्ध आतंकी दिखाई दिए। 

इसके बाद तुरंत मुठभेड़ शुरू हो गई। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कितने आतंकी मारे गए हैं, लेकिन शुरुआती संकेतों से लगता है कि सभी आतंकी मारे जा चुके हैं और इलाके में कोई आतंकी जिंदा नहीं बचा है। सेना ने पूरे क्षेत्र को घेर कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

भारतीय सेना की चिनार कोर के अनुसार, लिडवास क्षेत्र में गोलीबारी शुरू हुई. इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने मुलनार के वन क्षेत्र में घेराबंदी और सर्च ऑरपेशन शुरू किया.

पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा फौजी हुआ ढेर

हाशिम मूसा को न सिर्फ पहलगाम हमले का साजिशकर्ता माना जाता था, बल्कि वह सोनमर्ग टनल हमले का भी जिम्मेदार था. आइए, समझते हैं कि यह ऑपरेशन कैसे हुआ, हाशिम मूसा कौन था और इस घटना का भारत की सुरक्षा पर क्या असर पड़ेगा.

पहलगाम और सोनमर्ग हमले: क्या हुआ था?

पहलगाम हमला (22 अप्रैल 2025): जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बाइसरन घाटी में पांच आतंकियों ने 26 पर्यटकों पर हमला किया था. इनमें ज्यादातर हिंदू थे. एक ईसाई पर्यटक व एक स्थानीय मुस्लिम भी मारा गया. हमले में M4 कार्बाइन और AK-47 का इस्तेमाल हुआ. द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), जो लश्कर का मोहरा है, ने पहले जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में इनकार कर दिया.  

सोनमर्ग टनल हमला (2024): सोनमर्ग के Z-मोर्ह टनल के पास हुए इस हमले में सात लोग मारे गए, जिसमें छह मजदूर और एक डॉक्टर शामिल थे. यह हमला भी लश्कर से जुड़े आतंकियों ने अंजाम दिया था. हाशिम मूसा का नाम इसमें सामने आया था.

हाशिम मूसा कौन था?

हाशिम मूसा, जिसे सुलैमान शाह मूसा फौजी भी कहा जाता है, लश्कर-ए-तैयबा का एक खतरनाक कमांडर था. उसकी कहानी कुछ इस तरह है…

    पिछला बैकग्राउंड: हाशिम मूसा पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पैरा-कमांडो था, जो एक खास ट्रेनिंग वाली सेना इकाई है.  

    लश्कर में शामिल: 2022 में वह भारत में घुसपैठ कर लश्कर में शामिल हो गया. कई हमलों की साजिश रची.  

    हमलों का मास्टरमाइंड: पहलगाम हमले की प्लानिंग और एग्जिक्यूशन में उसकी बड़ी भूमिका थी. वह बाइसरन घाटी में 15 अप्रैल से मौजूद था और सात दिन तक रेकी (जासूसी) की थी.  

    सोनमर्ग कनेक्शन: सोनमर्ग टनल हमले में भी उसने नेतृत्व किया था, जिसमें सात लोगों की जान गई थी.  

    छिपने की जगह: वह दाचीगाम और लिडवास के जंगलों में छिपा हुआ था, जहां से वह पाकिस्तान भागने की फिराक में था.

हाशिम मूसा को पकड़ने या मारने के लिए सेना ने 10 लाख रुपये का इनाम रखा था, क्योंकि वह कई हमलों (जैसे गंदरबल और बारामुला) में शामिल था.

ऑपरेशन महादेव और लिडवास एनकाउंटर

पहलगाम हमले के 96 दिन बाद शुरू हुआ ऑपरेशन महादेव हाशिम मूसा को खत्म करने में सफल रहा. यह मिशन कैसे चला, जानें…

    तैयारी: सेना ने ड्रोन, थर्मल इमेजिंग, और मानव खुफिया (ह्यूमिंट) से हाशिम की लोकेशन ट्रैक की. लिडवास के जंगलों में उसकी मौजूदगी का पता चला.  

    एनकाउंटर: 28 जुलाई 2025 की सुबह सेना ने इलाके को घेर लिया. हाशिम और उसके दो साथियों ने गोलीबारी शुरू की, लेकिन 6 घंटे की मुठभेड़ के बाद तीनों मारे गए.  

    हथियार और सबूत: मुठभेड़ में AK-47, ग्रेनेड, और IED (बम) बरामद हुए. हाशिम के पास से पाकिस्तानी पासपोर्ट और सैटेलाइट फोन भी मिला, जो ISI से संपर्क दिखाता है.  

    तस्वीरें: लिडवास एनकाउंटर की तस्वीरें सामने आईं, जिसमें मारे गए आतंकियों के शव और हथियार दिख रहे हैं. ये तस्वीरें सेना की कामयाबी का सबूत हैं.

 

3 आतंकी हुए ढेर

अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही सुरक्षाबल संदिग्ध स्थान के पास पहुंचे, वहां छिपे आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया. इसी के बाद सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई. अब इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. 3 आंतकियों को मार गिराया गया है. ऑपरेशन अभी भी जारी है. जहां तीन आतंकी मारे गए हैं. वहीं, 2 आतंकी घायल बताए जा रहे हैं. ड्रोन के जरिए तीनों शव देखे गए हैं.

सूत्रों के अनुसार तीनों विदेशी आतंकी बताए जा रहे हैं. अभी भी तलाशी अभियान जारी है, जहां और आतंकियों के छिपे होने की आशंका है. आतंकियो की पहचान की कवायद चल रही है.

सेना (Indian Army) के जवानों ने आतंकियों को मार गिराने के लिए ऑपरेशन महादेव लॉन्च किया है। जानकारी के अनुसार, पहलगाम हमले में शामिल तीन आतंकियों को मार गिराया गया है। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को सील कर दिया है। पूरे इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है।

भारतीय सेना ने जानकारी दी है कि लिडवास इलाके में मुठभेड़ हुई। अभी ऑपरेशन जारी है। सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि आतंकियों को खत्म करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ऑपरेशन महादेव चला रही है।

ऑपरेशन महादेव जारी

अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने सुरक्षाबलों ने एक खुफिया सूचना के आधार पर हरवान के मुलनार इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया. अधिकारियों ने बताया कि जब सुरक्षाकर्मी सर्च ऑपरेशन चला रहे थे, तब दूर से दो राउंड गोलियों की आवाज सुनाई दी. इसी के बाद ऑपरेशन शुरू किया गया.

पहलगाम हमले के हो सकते हैं संदिग्ध

इस ऑपरेशन के तहत तीन आतंकवादियों को ढेर किया गया है. वहीं, सामने आया है कि यह तीनों आतंकी पहलगाम हमले के संदिग्ध हो सकते हैं. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 26 निहत्थे लोगों पर आतंकवादियों ने हमला किया था और इनकी जान ले ली थी. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपेरशन सिंदूर लॉन्च किया.

पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ सबक सिखाने के लिए भारत ने 7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और तबाह कर दिया गया. इसी के बाद पाकिस्तान ने भी भारत पर हमला करने की नाकाम कोशिश की. दोनों देशों के बीच 10 मई को युद्धविराम हुआ. इसी के बाद सोमवार को ऑपरेशन महादेव के तहत जिन आतंकवादियों को ढेर किया गया है वहीं सामने आरहा है कि यह पहलगाम हमले के संदिग्ध हो सकते हैं.

स्कैच हुए थी जारी

पहलगाम के अटैक के बाद तीन आतंकवादियों के स्कैच जारी हुए थे. इसी के बाद अब ऑपरेशन महादेव के तहत मारे गए आतंकियों को पहलगाम का संदिग्ध बताया जा रहा है. हालांकि, अभी इसको लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

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